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ग्रे शेड अमूमन हमारी जानकारी में होते हैं सिर्फ़ - दो रंग एक -- सफ़ेद दूसरा -- काला ! हाँ और ना !! पर एक रंग बीच का भी है वो है ग्रे। इस रंग में हैं -- किन्तु, परन्तु, लेकिन, जैसी कई आशंका और संभावनाएं...। बहुत कम हैं जो समझ पाते हैं इस रंग की ख़ूबसूरती...। यूँ तो मंझा हुआ कलाकार होता है सभी के अंदर जो मंच देखकर बदलता है रंग.. पर बहुदा हम नहीं नाप पाते इन रंगों के संतुलन का पैमाना...। कि कब सफ़ेद घुलने लगता है काले रंग में और कब काला रंग घुलने लगता है सफ़ेद में और बन जाता है ग्रे। जिसमे दफ़न होती हैं कितनी ही हसरतें !! सच तो ये है अपना वजूद खो कर भी दुनिया टिकी है इसी रंग पर....।।। ######### रूबी मोहन्ती
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